बद्रीनाथ. भगवान बद्री विशाल के कपाट 19 नवंबर को 3: 35 पर बंद हो जाएंगे. उससे पहले भगवान बद्री विशाल के मंदिर में बर्फबारी ने नजारे को काफी सुंदर बना दिया हैं. ऐसा लगा रहा है कि कुदरत भगवान बद्री विशाल के श्रृंगार के लिए स्वयं धरती पर आ गया हो. चारों तरफ बर्फ की सफेद चादर बिछ चुकी है. हालांकि बर्फबारी के बाद बद्रीनाथ धाम में थोड़ी ठंड बढ़ गई है, लेकिन उसके बाद भी श्रद्धालु दर्शन के लिए यहां पहुंच रहे हैं.
मौसम विभाग ने भी पहाड़ी जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का पूर्वानुमान जताया है. अभी कुछ दिन पहाड़ों में मौसम ठंडक भरा रहने का अनुमान है. बदरीनाथ के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि 15 नवंबर को भगवान श्री गणेश के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे. 16 नवंबर को आदिकेदारेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे. 17 नवंबर को खड़क पुस्तकों का वाचन बंद होगा. 18 नवंबर को मां लक्ष्मी को गर्भ गृह में विराजमान होने के लिए न्योता दिया जाएगा. 19 नवंबर को भगवान बद्री विशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.
कपाट बंद होने के अवसर पर लगभग 20000 श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद
19 नवंबर को भगवान कुबेर और उद्धव जी की डोली गर्भगृह से बहार बामणी गांव के लिए रवाना होगी. साथ ही शंकराचार्य जी की गद्दी भी गर्भगृह से रावल निवास में विश्राम करेगी. अगले दिन 20 नवंबर को प्रातः काल उद्धव, कुबेर और शंकराचार्य जी की डोली पांडुकेश्वर के लिए रवाना होगी. बताया जा रहा है कि कपाट बंद होने के अवसर पर लगभग 20000 श्रद्धालुओं के दमप में पहुंचने की उम्मीद है.