रायपुर. आयकर विभाग (Income Tax department) ने छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से बड़ी कार्रवाई करते हुए आज कोयला और इस्पात कारोबारियों (coal and steel traders) के घर पर छापामारी की है. आईटी विभाग की टीम ने छापामारी की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अलावा रायगढ़ में भी की है. दोनों ही शहरों में कोयला और इस्पात व्यपारियों के यहां रेड मारी है. छत्तीसगढ़ में पिछले महीने ही ईडी ने बड़े कोल घोटाले को उजागर किया था. उस समय ईडी ने 3 आईएएस अधिकारियों के घर पर छापामारी की थी. कोल घोटाले में आईएएस समीर बिश्नोई और 2 व्यापारी जेल में हैं.
आईटी ने बुधवार को सुबह रायगढ़ आईआर इस्पात मालिक संजय अग्रवाल के ठिकानों समेत कोयला काराबारी राकेश शर्मा, गजानंद और जय अम्बे ट्रांसपोर्टर के मालिक जोगेन्दर के भाई के रायपुर स्थित गोल्डन स्काई स्थित घर छापामारी की. छत्तीसगढ़ में पिछले 2 महीनों से लगातार कोयला और इस व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों तथा अफसरों पर ईडी व आईटी की लगातार रेड की कार्रवाई चल रही है. छत्तीसगढ़ में आज आईटी विभाग की टीमों ने कई कारोबारियों के 20 से ज्यादा ठिकानों पर दबिश दी है.
छत्तीसगढ़ में पिछले 2 महीनों से चल रही ईडी और आईटी के रेड में ईडी ने राज्य के आईएएस अधिकारियों, नेताओं और व्यापारियों द्वारा किए जा रहे 600 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले को उजागर किया है. वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने ईडी को पूर्व सीएम रमन सिंह के समय हुए 36000 करोड़ के चावल घोटाले और चिटफंड कंपनी घोटाले की भी जांच करने की मांग की है.
सीएम भूपेन्द्र बघेल ने लगाए गंभीर आरोप
बघेल ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि रमन सिंह के कहने पर उस वक्त एसीबी के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों को बचाया था. कांग्रेस इस घोटाले में रमन सिंह के सीधे इन्वॉल्व होने के आरोप कई बार लगा चुकी है. वहीं सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ रुपये के चिटफंड घोटाले को भी राजनीतिक संरक्षण के चलते बचाने का आरोप लगाया है. बघेल ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री के उस बयान का भी हवाला दिया है जिसमें उन्होंने ने कहा था कि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई राजनीतिक दल देखकर न हो.