कॉर्बेट नेशनल पार्क के तहत पाखरो टाइगर सफारी निर्माण के दौरान अवैध रूप से काटे गए पेड़ों के मामले में भारतीय वन सर्वेक्षण विभाग (एफएसआई) और वन विभाग आमने-सामने आ गए हैं। रिपोर्ट पर उठाए गए सवालों का जवाब देने के साथ ही एफएसआई के महानिदेशक अनूप सिंह ने वन विभाग के प्रमुख को एक कड़ा पत्र भी लिखा है, जो मीडिया में आने के बाद चर्चा में है।
महानिदेशक ने वन विभाग के मुखिया (हॉफ) विनोद कुमार सिंघल को बेहद कड़ी भाषा का प्रयोग करते हुए तमाम सवाल उठाए हैं। पत्र में उन्होंने वन प्रमुख को सीधे तौर पर कटघरे में खड़ा किया है। इसके साथ ही एफएसआई की रिपोर्ट पर उठाए गए सवालों को बचकाना और भ्रमित करने वाला बताया है। इतना ही नहीं पत्र में वन विभाग के मुखिया पर गलत कामों का बचाव करने का प्रयास करने तक की बात लिखी है। पत्र में गोपनीय रिपोर्ट के मीडिया में लीक होने पर भी सवाल उठाए गए हैं।
ये है मामला
- पाखरो में टाइगर सफारी के लिए निर्धारित संख्या से अधिक पेड़ काटने का मामला आया।
- वन मुख्यालय ने खुद एफएसआई को पत्र लिखकर सर्वेक्षण के लिए अनुरोध किया।
- सर्वेक्षण के बाद कुछ समय पहले ही एफएसआई ने अपनी रिपोर्ट वन मुख्यालय को सौंप दी।
- रिपोर्ट में पाखरो टाइगर सफारी निर्माण में करीब छह हजार से अधिक पेड़ काटने की बात कही थी।
- इस रिपोर्ट पर वन विभाग ने कुछ आपत्तियां लगाते हुए एफएसआई को लौटा दिया था।
- रिपोर्ट में 14 बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया
एफएसआई देश की एक प्रतिष्ठित संस्था: कुमार
वन प्रमुख को लिखे पत्र के प्रमुख अंश