भ्रष्टाचार के मामले में फंसे ARTO  को विजलेंस की टीम ने किया गिरफ्तार, ऐसे हुआ भ्रष्टाचार का खुलासा

देहरादून: उत्तराखंड परिवहन मुख्यालय में तैनात एआरटीओ आनंद जायसवाल को भ्रष्टाचार के आरोप में विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया है  विजिलेंस की टीम ने 2017 के एक मामले में एआरटीओ आनंद जायसवाल को देहरादून परिवहन मुख्यालय से गिरफ्तार किया गया है। एआरटीओ आनंद जायसवाल ने ऋषिकेश में रहते हुए विभाग को बड़ा चूना लगाया था।

एआरटीओ आनंद जायसवाल आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2010 से 2015 तक एआरटीओ ऋषिकेश रहते हुए चालान की राशि में हेरफेर कर 29.32 लाख रुपये का गबन किया था। आपको बता दें कि एआरटीओ आनंद जायसवाल के खिलाफ मार्च 2017 में मुकदमा दर्ज हुआ था। जायसवाल पर चालान के जुमार्ने को अधिक वसूलने के साथ-साथ दस्तावेजों के साथ छेड़खानी करने का भी आरोप है।

एआरटीओ आनंद जायसवाल के खिलाफ साल 2017 में धारा 420, 467, 468, 471 और 409 आईपीसी सहित 13 (1) रीड विथ 13 (2) एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। असल में मामला वर्ष 2017 में विभागीय कार्रवाई के दौरान धोखाधड़ी का केस हैं। एआरटीओ आनंद जायसवाल ऋषिकेश में तैनात थे। उनपर आरोप है कि ऋषिकेश में अपने कार्यकाल के दौरान एआरटीओ आनंद जायसवाल गाड़ियों का एमवी एक्ट को तहत कार्रवाई कर सीज करते थे और फिर उनकी जुर्माने की राशि में घपलेबाजी करते थे।

आरोप है कि एआरटीओ आनंद जायसवाल जुमार्ने की धनराशि विभागीय बुक में कम लिखते थे। जबकि जुमार्ना कई गुना ज्यादा वसूला जाता था। इस मामले की भनक लगते ही उनको रंगे हाथ पकड़ा गया था। उसके बाद से ही विजिलेंस की विवेचना चल रही थी और कार्रवाई पूरी होते ही विजिलेंस ने एआरटीओ आनंद जायसवाल को देहरादून परिवहन मुख्यालय से गिरफ्तार किया है।

सपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि 28 मार्च 2017 को उनके खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। बुधवार को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ में आनंद ने जब वाजिब जवाब नहीं दिए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

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