नई दिल्ली (नेटवर्क 10 संवाददाता) कोरोना लॉकडाउन को देखते हुए निजी स्कूलों को फीस वसूलने से रोकने वाले उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की पीठ ने प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन और सेंट जुड्स स्कूल, देहरादून द्वारा दायर की याचिका पर भाजपा नेता कुंवर जपिन्दर सिंह समेत अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। सभी को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है।
याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट का फैसला कानूनन सही नहीं है, लिहाजा इसे निरस्त किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा था कि जो छात्र ऑनलाइन क्लासेज कर पाने में सक्षम हैं, उनसे स्कूल फीस वसूली जा सकती है लेकिन जिन छात्रों की ऑनलाइन क्लासेज तक पहुंच नहीं है, उन छात्रों से फीस नहीं वसूली जा सकती।
दोनों पक्षों पर सुनवाई के बाद होगा फैसला
प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रेम कश्यप और चिल्ड्रन एकेडमी के अतुल राठौर के अलावा सेंट जूड्स स्कूल ने भी इस मामले में याचिका दायर की। दोनों याचिकाओं पर सुनवाई हुई।
हमने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर अभिभावकों का पक्ष सुने जाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हमें अपना पक्ष रखने का मौका दिया है। हम अब तक राज्य में प्राइवेट स्कूलों के लिए कोई फीस एक्ट न होने, प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और अभिभावकों के शोषण समेत कई अन्य मुद्दों पर जनता का पक्ष रखेंगे।
-कुंवर जपिंदर सिंह, याचिकाकर्तासुप्रीम कोर्ट ने हमारी याचिका स्वीकार कर ली है। हमने अपनी याचिका में लॉकडाउन के दौरान फीस, ऑनलाइन क्लासेज समेत अन्य विषयों को शामिल किया है। प्राइवेट स्कूल अपनी बात कोर्ट के सामने रख रहे हैं। हमने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में कोई स्टे नहीं मांगा था।
–डीएस मान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, पीपीएसए