कलश यात्रा के साथ हुई शिव महापुराण कथा की शुरुआत

देहरादून: महोब्बेवाला में गीता सत्संग समिति द्वारा आज से शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के पहले महिलाएं कलश में जल भरकर मंदिर पहुंचीं, जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पं.देवी प्रसाद काण्डपाल जी ने कथा शुरू की। शिव महापुराण कथा स्थल में भगवान शिव को जलाअभिषेक किया गया।

 

शिव महापुराण की कथा का 11 दिन का आयोजन किया गया है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पं.देवी प्रसाद काण्डपाल द्वारा कथा वाचन किया जा रहा है। कथावाचक पं.देवी प्रसाद काण्डपाल बताया कि इसके श्रावण मात्र से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं। चंचूला जैसी पत्नी बिंदुगा जैसी पापी को प्रेत योनि से शिव पुराण सुनाकर शिवलोक दिलवाती है। धनी व्यक्तियों की धन द्वारा देवों की आराधना करनी चाहिए वही निर्धनों को कष्ट सहनकर शिव की आराधना करनी चाहिए। शिव क्रिया, शिव तप, शिव मंत्र, शिव ध्यान का अभ्यास करते रहना चाहिए। इससे नित्य सुख आनंद वाला मनुष्य बना जा सकता है।

उन्होंने बताया कि हमारे वैद, पुराणों और शास्त्रों में लिखा है कलयुग अपना काम करेगा लेकिन हम कलयुग को भजन-कीर्तन, धर्म-कर्म से सतयुग बना सकते हैं। भक्ति से सतयुग नहीं भी बना तो शिवयुग तो बन ही जाएगा। एक नवयुग का निर्माण है शंकर शिवमहापुराण की कथा। सारा सुख-दुख शिव भगवान के चरणों में सौंप दो। शिव जो करेगा श्रेष्ठ करेगा। श्रेष्ठ के लिए शिव के बिना कुछ नहीं।

शिव पुराण के भव्य आयोजन ने कथा श्रवण कर शिव भक्ति से भाव विभोर से भर उठे। शिव की तपस्या से तप्त होकर श्रद्धालुओं ने कथा का आनंद उठाया। श्रद्धालुओं ने कथा सुनकर शिव की पूजा अर्चना को लेकर प्रतिबद्ध हुए। गीता सत्संग समिति के अध्यक्ष श्री एम.एम पांथरी, कोषाघ्यक्ष श्री कमल सुंद्रियाल, सचिव श्री जसवंत सिंह नेगी सहित पूरी टीम ने कार्यक्रम को सफल बनाने जुटे रहे।

 

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