उत्तराखंड: मिसाल हो तो ऐसी…महिलाओं और युवाओं ने मिलकर बना दी गांव की सड़क

ऋषिकेश (नेटवर्क 10 संवाददाता)। उत्तराखंड के पहाड़ जिंदा हैं तो सिर्फ मातृशक्ति की वजह से। यहां की मातृशक्ति ने पहाड़ के लिए क्या क्या नहीं किया है। आज भी यहां की महिलाएं मेहनत से अपने पहाड़ को बचाए हुए हैं। अगर ये महिलाएं और यहां के नौजवान ठान लें तो क्या नहीं कर सकते। ये उत्तराखंड की तस्वीर और तकदीर दोनों को बदल सकते हैं।

लॉकडाउन के दौरान यहां कई बड़ी बेमिसाल मिसालें देखने को मिली हैं। इन्हीं में से एक है पौड़ी गढ़वाल जिले के मंगलिया गांव के युवाओं  और महिलाओं का काम। यहां की महिलाओं और गांव के युवाओं ने मिलकर गांव के लिए खुद सड़क बना डाली। लॉकडाउन में जब सबकुछ बंद था तो इन्होंने अपने गांव की समस्या को दूर करने की ठानी। सालों से गांव में सड़क नहीं बनी थी। सरकार का मुंह ताकते ताकते दशकों बीत गए। सोचा कि अब नहीं करना इंतजार। उठाए गैंती, फावड़े और सब्बल। बना डाली सड़क।

पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड में है मंगलिया गांव। ये ऐसा गांव है जो अब तक पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहा है। लॉकडाउन का सदुपयोग करते हुए शारीरिक दूरी का पालन कर युवाओं और महिलाओं ने मिलकर यहां सड़क का निर्माण शुरू किया। आखिर इनकी मेहनत रंग लाई। आपको बता दें कि पहले गांव के युवाओं ने ये काम शुरू किया था। बाद में गांव की महिलाओं ने भी उनका हाथ बंटाना शुरू कर दिया।

गांव के युवा मंगल दल का कहना है कि युवाओं और महिलाओं के श्रमदान से अब तक दो किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है। यह सड़क इतनी चौड़ी है कि इससे चार पहिया वाहन आसानी से गांव तक पहुंच जाएगा। महिला मंगल दल की अध्यक्ष शकुंतला देवी ने बताया कि गांव में सड़क और पानी के लिए शासन प्रशासन को तमाम पत्र भेजे गए, मगर कुछ नहीं हुआ। फिर उन्होने ठानी कि अब ये काम स्वयं ही करना पड़ेगा और कर डाला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *