गढ़वाल: भगवान श्री केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गड्डिस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए रवाना हो गई है। आज सुबह डोली को धाम रवाना करने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ा। कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद बाबा केदार के प्रति आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। बाबा को विदा करते समय भक्तों की आंखें नम थीं। दरअसल, 6 माह शीतकाल के दौरान भगवान ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में प्रवास करते हैं। ग्रीष्मकाल आते ही तय तिथि पर बाबा केदार की डोली केदारनाथ के लिए रवाना हो जाती है। इसी परंपरानुसार भगवान केदार की चल विग्रह मूर्ति आज रात गुप्तकाशी, मंगलवार को फाटा और 4 मई को गौरीकुंड में रात्रि प्रवास करेगी।
6 मई को खुलेंगे केदारनाथ मंदिर के कपाट…
बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने ओंकारेश्वर मंदिर की परिक्रमा के बाद धाम के लिए प्रस्थान किया। डोली अपने पहले पड़ाव विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। इसके बाद वह 3 मई को नारायणकोटी और मैखंडा होते हुए अपने दूसरे पड़ाव फाटा पहुंचेगी, फिर 4 मई को सीतापुर और सोनप्रयाग होते हुए गौरीकुंड में रात्रि प्रवास किया जाएगा। उसके बाद 5 मई को गौरीकुंड से 17 किमी पैदल रास्ता तय कर डोली दोपहर को अपने धाम केदारनाथ पहुंच जाएगी। जहां 6 मई को सुबह 6.25 बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।