क्या CM साहब देहरादून कैंट से लड़ने जा रहे हैं ?

देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी को 6 माह में उपचुनाव जीतकर अपने 5 साल का कार्यकाल को सुरक्षित करने के लिए अभी से सुरक्षित सीट तलाशनी है। क्या वह सुरक्षित सीट कैंट है। जिस पर कपूर परिवार का दबदबा रहा है। चुनाव से ठीक पहले हरबंश कपूर के आकस्मिक निधन के बाद पार्टी ने उनकी पत्नी सविता कपूर को टिकट दिया। वो चुनाव जीत गई। लेकिन सविता कपूर उम्र के जिस पड़ाव में हैं, वहां उनके लंबा राजनीतिक पारी खेलनी मुश्किल है। यह सीट भाजपा का गढ़ है। ऐसे में धामी देहरादून आकर इसे आगे बढ़ाना चाहेंगे। उत्तराखंड बनने से पहले से लेकर अब तक कैंट सीट हमेशा भाजपा के कब्जे में ही रही है। ये बात आज इसलिए भी निकल रही है। क्योंकि बुधवार को

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा स्थापना दिवस के कार्यक्रम में मंच से कहा है कि उन्हें कैंट विधानसभा में रहते 22 साल हो गए हैं। इस बयान के अब सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद सीएम धामी का ये दूसरी विधानसभा का कार्यक्रम रहा है। इससे पहले धामी चंपावत विधानसभा में हुए कार्यक्रम को संबोधित कर चुके हैं। वहां भी धामी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर हाईकमान के निर्देश के बाद ही चुनाव लड़ने की बात कर चुके हैं। अब हाईकमान से मिलने के बाद धामी का ये बयान काफी सुर्खियों में है।

बीते दिनों मुख्यमंत्री के चंपावत में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद स्थानीय विधायक ने सीएम को चुनाव लड़ने का अनुरोध किया। जिसके बाद एक बार फिर सीएम के चंपावत से चुनाव लड़ने की खबरों को लेकर चर्चा शुरु हो गई है। हालांकि सीएम धामी ने कहा है कि हाईकमान उप चुनाव लड़ाने को लेकर अंतिम फैसला लेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत से उपचुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। दोबारा मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद कुमाऊं में पहली बार पहुंचे धामी ने शुक्रवार को बनबसा मिनी स्पोर्ट्स स्टेडियम में जनसभा को संबोधित किया। जनसभा के मंच से मौजूदा विधायक गहतोड़ी ने कहा वह अपनी बात पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि सीएम धामी अगर चम्पावत सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाते हैं, तो वह उनके लिए अपनी सीट छोड़ने में जरा भी संकोच नहीं करेंगे। सीएम धामी ने कहा कि वह विधायक गहतोड़ी का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं। कहा वह विधायक के इस प्रस्ताव को हाईकमान के सामने रखेंगे। उपचुनाव लड़ने को लेकर हाईकमान ही अंतिम निर्णय लेगा। इस तरह एक बार फिर सीएम के चंपावत से चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा शुरू हो रही है। सबसे पहले विधायकों में चंपावत से विधायक कैलाश गहतोड़ी ने ही सीएम के लिए सीट छोड़ने का एलान किया था। जिसके बाद चंपावत पहुंचने पर सीएम के चुनाव लड़ने की खबरें उठने लगी हैं। सीएम के चंपावत दौरे को भी इसी से जोड़ा जा रहा है।

चंपावत मानी जा रही सुरक्षित सीट…

डीडीहाट से विधायक बिशन सिंह चुफाल के सीट न छोड़ने और मंत्री न बनाए जाने से नाराजगी के चलते पार्टी को अब मुख्यमंत्री के लिए सबसे सुरक्षित सीट तलाशनी है। खुद मुख्यमंत्री भी चाहते हैं कि उनके लिए इस समय सबसे सुरक्षित सीट ही एक मात्र विकल्प है। मुख्यमंत्री के लिए चंपावत, जागेश्वर, रूड़की समेत 6 विधायक सीट छोड़ने का अनुरोध कर चुके हैं।

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