देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता किशोर उपाध्याय ने कहा है कि प्रवासियों की कोरेंटीन काल में मौत एक बड़ा मामला है। इसको लेकर प्रदेश सरकार को संवेदनशील होना चाहिए।
किशोर उपाध्याय ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से पहले ही इस को लेकर उनको चेताया था। पूर्व में ही हालाटन को लेकर उनसे बातचीत की थी। लेकिन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। किशोर ने कहा कि प्रदेश में कोरेंटीन काल में 3 लोगों की मौत हो चुकी है। इन् मामलों में अब सरकार को मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख की आर्थिक मदद और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये शर्मनाक है कि परदेस में रोजी रोटी के तलाश में गए लोगों को अगर मुल्क वापस आने पर जान गंवानी पड़े।
किशोर उपाध्याय ने कहा कि प्रवासियों को वापस लाने का तो सरकार ने ऐलान कर दिया लेकिन उस से पहले ये नही देखा कि उसको क्या व्यवस्थायें पहले करनी चाहिए थीं। अब भी वक्त है, सरकार को गंभीर हो कर इस ओर ध्यान देना चाहिए। पहाड़ में इस वक्त डॉक्टरों की ज्यादा आवश्यकता है। प्रवासियों की संख्या को देखते हुए वर्तमान में पहाड़ में डॉक्टर्स भेजे जाने चाहिए। साथ ही पंचायतों को कोरेंटीन सेंटर्स के लिए अलग से बजट दिया जाने की भी किशोर ने मांग की है।