उत्तरकाशी (नेटवर्क 10 संवाददाता)। वो 45 साल बाद अचानक गांव लौट आया। सब चौंक गए। खबर उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के जेष्ठवाड़ी गांव की है। यहां 84 साल का एक व्यक्ति 45 साल लापता रहने के बाद रविवार को अचानक अपने गांव लौट आया। बुजुर्ग के घरवालों ने उसे राजकीय इंटर कॉलेज जेष्ठवाड़ी में क्वारंटाइन करवा दिया है।
बुजुर्ग का नाम सूरत सिंह चौहान है। सूरत सिंह ने बताया कि कि वह ब्यास (जालंधर) के एक गुरुद्वारे में रह रहा था। लॉकडाउन के चलते गुरुद्वारा बंद होने पर वह सोलन (हिमाचल प्रदेश) पहुंच गया। वहां से प्रशासन ने उसे उत्तरकाशी भेजने की व्यवस्था की। गांव के प्रथान अजय चौहान ने बताया कि सूरत सिंह चौहान उनके दादा हैं। वे 45 साल पहले अचानक गायब हो गए थे। वर्षों तक काफी ढूंढ-खोज के बाद भी दादा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। लेकिन, शुक्रवार को उनके पास तहसीलदार का फोन आया कि उनके दादा जिंदा हैं और सोलन से रविवार को उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं।
दादी को जब यह बात पता चली तो उनका गुस्सा होना स्वाभाविक था। मुश्किल समय में वह दादी को छोड़कर चले गए और इतने सालों तक कोई खैर-खबर तक नहीं दी। अजय कहते हैं कि दादा से उनका खून का रिश्ता तो है, लेकिन भावनात्मक लगाव कतई नहीं रहा। हां, इतना जरूर है कि परिवार में जब भी दादा का जिक्र होता, उन्हें लगता था कि दादा जिंदा जरूर होंगे। परिवार के दस्तावेजों में भी दादा मृत घोषित नहीं हैं। उधर, रविवार दोपहर चिन्यालीसौड़ होते हुए प्रशासन की टीम ने वृद्ध सूरत सिंह चौहान को पंचायत क्वारंटाइन के लिए राजकीय इंटर कॉलेज जेष्टवाड़ी पहुंचाया। वहां गांव के ही दस अन्य लोग भी रह रहे हैं।