देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। खाद्य सामग्री का सैंपल फेल होने को लेकर 20 कारोबारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. बता दें कि नवरात्रि में कुट्टू के आटे की वजह से कई लोग बीमार हो गए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जिसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग हरकत में आया. ऐसे में इन दुकानों का लाइसेंस निरस्त हो सकता है.
खाद्य सामग्री का सैंपल फेल: देहरादून के अलग-अलग हिस्सों में करीब 20 खाद्य व्यापारियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई नवरात्रि में कुट्टू के आटे जैसे खाने की सामग्रियों की गुणवत्ता मानकों में सही न पाए जाने के चलते हुई हैं. दरअसल खाद्य सुरक्षा विभाग ने त्योहारी सीजन आते ही बाजार से कई खाद्य सामग्री के सैंपल लिए थे, जो खाद्य सुरक्षा मानकों में फेल पाए गए.
व्यापारियों के खिलाफ मुकदमा: जिसको देखते हुए इन व्यापारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कारवाई की जा रही है. बता दें कि इन दिनों नवरात्रि में बिकने वाले कुट्टू के आटे से कई लोगों की बीमार होकर अस्पताल पहुंचने की शिकायतें मिल रही हैं. खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने देहरादून नगर निगम क्षेत्र स्थित 7, मसूरी और ग्रामीण इलाके में 5, ऋषिकेश और पछवादून के विकासनगर क्षेत्र में 5 दुकानों के खाद्य सामग्री सैंपल की गुणवत्ता फेल होने के चलते खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
बिक रहा एक्सपायरी कुट्टू का आटा: खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि जो भी सैंपल लिए गए थे, वह मानकों के अनुकूल नहीं थे. वहीं, नवरात्रि पर कुट्टू का आटा खराब होने की शिकायतें मिल रही है. जिसके चलते कई लोग बीमार पड़ अस्पताल पहुंच चुके हैं. जांच में यह भी पाया गया कि बाजार में बिकने वाले कई कुट्टू आटे एक्सपायर होने के बाद भी बेचे जा रहे हैं. ऐसे में शनिवार को कुट्टू के आटे के सैंपल लैब भेजे गए हैं.
व्यापारियों के लाइसेंस होंगे निरस्त: खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक खुले हुए कुट्टू आटे की अधिकतम समय सीमा 1 महीना होता है, लेकिन बाजार में 1 साल पुराना कुट्टू का आटा भी बेचने जैसी शिकायतें सामने आ रहे हैं. ऐसे में कई व्यापारियों से कुट्टू के आटे का सैंपल को लेकर लैब भेजा गया है. अगर सैंपल फेल होने पर आरोपी व्यापारियों का लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है.