चंडीगढ़ (नेटवर्क 10 ब्यूरो)। पंजाब में कांग्रेस में रायता फैल गया है। रायता फैलाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने भी अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि सिद्धू और कैप्टन के बीच चल रही वर्चस्व की जंग में सिद्दू के कारण कैप्टन के इस्तीफा दे दिया था। अब खुद सिद्धू ने इस्तीफा दिया है।
सिद्धू ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि वह कंप्रोमाइज नहीं कर सकते हैं, इसलिए वह पार्टी के प्रदेश प्रधान पद से इस्तीफा दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि सिद्धू पंजाब के एडवोकेट जनरल के पद पर एपीएस देयोल की नियुक्ति से नाराज थे। देयोल बेअदबी मामलों में सरकार के खिलाफ केस लड़ चुके हैं। इसके अलावा वह कैप्टन अमरिंदर सिंह व पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी का केस भी लड़ चुके हैं। सिद्धू नहीं चाहते थे कि देयोल को एजी का पद दिया जाए।
नवजोत सिंह सिद्धू लंबे समय से कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाने के लिए आतुर थे। अंत में उन्होंने पार्टी के भीतर कैप्टन के खिलाफ माहौल तैयार कर दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा। नवजोत सिंह सिद्धू को उम्मीद थी कि हाईकमान कैप्टन के विकल्प के रूप उन्हें सीएम के तौर पर पेश करेगी। लेकिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पहले नंबर सुनील जाखड़ रहे। सुनील जाखड़ को सीएम बनाने के पक्ष में 40 विधायक थे, जबकि रंधावा को सीएम बनाने के पक्ष में 20 विधायक थे। सिर्फ को मात्र 12 विधायकों का ही समर्थन मिला।
पार्टी में काफी जिद्दोजहद के बाद सीएम के रूप में चौथे चेहरे चरणजीत सिंह के नाम पर मोहर लगी। चन्नी ने अब सीएम पद की कमान संभाल ली है। वह अपने मंत्रिमंडल का गठन भी कर चुके हैं। नवजोत सिंह सिद्धू को उम्मीद थी कि पार्टी हाईकमान उन्हें अगले सीएम के रूप में पेश करेगा। इस संबंध में पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने भी पहले कहा था कि सिद्धू अगले चुनाव में सीएम पद का चेहरा होंगे। हालांकि बाद में रावत भी अपने बयान से पलट गए थे।