चमोली (नेटवर्क 10 संवाददाता)। जोशीमठ-मलारी हाईवे दस दिन बाद भी नहीं खुल पाया है। लेकिन रात की बात ये है कि यहां फंसे 250 लोगों को निकाल लिया गया है। आपको बता दें कि हाईवे तमक के पास मलखुड़ा में बंद है। बीआरओ ने 800 मीटर में से 100 मीटर हिस्से को साफ किया, लेकिन मलबा आने से फिर हालात जस के तस हो गए। वहीं एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और बीआरओ ने भूस्खलन जोन के नीचे धौलीगंगा किनारे 1500 मीटर पगडंडी के सहारे 250 फंसे व्यक्तियों को पार कराया। वहीं, दिनभर में लाता और मलारी में हेली रेस्क्यू के जरिये 30 नागरिकों को उनके गंतव्य तक छोड़ा गया।
बीते 10 दिनों से जोशीमठ-मलारी हाईवे बंद होने के चलते सीमांत ग्रामीणों और फंसे हुए व्यक्ति काफी परेशान हैं। गांवों में राशन समेत अन्य चीजों की दिक्कत भी बनी हुई है। वहीं पैदल मार्ग भी भूस्खलन जोन के नीचे धौलीगंगा के किनारे होने के चलते खतरनाक बना हुआ है। ऐसे में पहाड़ी पर भूस्खलन क्षेत्र में नजर रखकर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की देखरेख में पैदल मार्ग रस्सियों के सहारे सुरक्षित आवाजाही कराई जा रही है।