देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष, देहरादून और ऋषिकेश के मेयर समेत 27 प्रमुख नेताओं और प्रतिनिधियों के गनर हटा दिए हैं। गनर हटाने का कारण कोरोनाकाल में पुलिसकर्मियों की जरूरत बताया है। बता दें कि उत्तराखंड में राजनीतिक दलों से जुड़े लोग, पूर्व मंत्री, दायित्वधारी समेत कई लोगों के पास गनर हैं। सत्ताधारी पार्टी से जुड़े नेताओं समेत अन्य को सरकार ने गनर उपलब्ध कराए हैं जबकि कुछ को इसके बदले सरकार को भुगतान करना पड़ता है।
अफसरों ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में उत्तराखंड के कई पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में हैं। इसके चलते कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराने के लिए पुलिसकर्मियों की आवश्यकता है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कुछ लोगों से गनर वापस लिए जाएं, जिन्हें अधिक आवश्यकता नहीं है। ऐसे में शासन स्तर पर 27 लोगों के गनर वापस करने के लिए आदेश जारी किया गया। इसमें देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, ऋषिकेश नगर निगम मेयर अनीता ममगाईं, पूर्व मंत्री नवप्रभात समेत कई शामिल हैं। एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शासन स्तर पर समीक्षा के बाद गनर हटाए गए हैं। कुछ के लौटाए भी गए हैं।
इनके भी हटे गनर: शासन ने गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, रिटायर्ड बीडीओ धर्मपाल सिंह, उत्तराखंड राज्य हज समिति के अध्यक्ष शमीम आलम, व्यवसायी अनिल गुप्ता, कुकरेजा इंस्टीट्यूट के मालिक हिमांशु कुकरेजा, अनुसूचित जनजाति कल्यण परिषद के उपाध्यक्ष मूरतराम शर्मा, पत्रकार मनीष शर्मा, कोऑपरेटिव रेशम फेडरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष अजीत सिंह, विद्युत नियामक अधिकरण के पूर्व अध्यक्ष सुभाष कुमार, न्याय विभाग के सचिव राजेंद्र सिंह, क्षेत्र पंचायत प्रमुख कालसी मठोर सिंह चौहान, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला, पत्रकार आयुष गौड़, राज्य सफाई कर्मचारी आयोग अध्यक्ष अमीलाल वाल्मीकि, चैनल के प्रबंध निदेशक अमित शर्मा, मानव अधिकार आयोग के सदस्य अखिलेश चंद शर्मा और रामसिंह मीणा के अलावा दौलत कुंवर, पूजा भाटिया, सुमन देवी, वेद गुप्ता, आकाश यादव, तेजेंद्र सिंह शामिल हैं।