देहरादून: श्री यमुनोत्री धाम के कपाट आज अक्षय तृतीया के अवसर पर आज दिन में अभिजीत मुहुर्त में 12 बजकर 15 मिनट पर खुल गये हें। आज प्रात: श्री यमुनाजी की चलविग्रह डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल खरशाली( खुशीमठ) से यमुनोत्री की ओर चली। मान्यता के मुताबिक उनको विदा करने उनके छोटे भाई शनिदेव यमुनोत्री धाम पहुंचे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस अवसर पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर बधाई दी है। कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए लोग घरों में पूजा-अर्चना करें।
कपाट खुलने के अवसर पर चुनिंदा तीर्थ पुरोहितो, जिला प्रशासन की मौजूदगी में कपाट खुले। इस अवसर पर सचिव सुरेश उनियाल, पवन उनियाल,कृतेश्वर उनियाल, श्री यमुनोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष/उपजिलाधिकारी बड़कोट चतरसिंह चौहान आदि मौजूद रहे। देवस्थानम बोर्ड की ओर से मां यमुना को भेंट समर्पित की गयी।पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश सरकार द्वारा चारधाम यात्रा पर रोक लगायी गयी है। स्थिति सामान्य होते ही चारधाम यात्रा शुरू हो सकेगी। कहा कि जल्द स्थितिया सामान्य होंगी।उन्होंने कहा कि चारों धामों के श्रद्धालुओं को वर्चुअल दर्शन हेतु देवस्थानम बोर्ड को कहा गया है।
उत्तरकाशी से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विशेष कार्याधिकारी/ प्रभारी अधिकारी राकेश सेमवाल ने बताया कि मां गंगा की चलविग्रह डोली आज शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा मुखीमठ से दोपहर गंगोत्री धाम को प्रस्थान हुई प्रवास हेतु भैरव घाटी पहुंचेगी तथा कल सुबह गंगोत्री धाम पहुंचेगी। कल 15 मई शनिवार प्रात: 7 बजकर 31 मिनट पर श्री गंगोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। कल ही बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी तथा सोमवार 17 मई को प्रात:पांच बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बैशाख शुक्ल षष्ठी 18 मई मंगलवार को पुष्य नक्षत्र प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर खुल रहे हैं। 16 मई को रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी, आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी , एवं डिमरी पंचायत प्रतिनिधि गाडू घड़ा (तेलकलश)सहित श्री योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगे। 17 शाम को श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगे।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट खुलने के कार्यक्रम सांकेतिक रूप से हो रहे है। वर्तमान में चारधाम यात्रा स्थगित है। सभी में कोरोना बचाव मानकों का पालन हो रहा है। मास्क लगाना, सोशियल डिस्टेंसिंग, सेनिटाईजिंग, थर्मलस्क्रीनिंग तथा कोरोना जांच को एसओपी के अनुसार अनिवार्य किया गया है। धामों में पूजापाठ से जुड़े लोगों को ही जाने की प्रशासन द्वारा अनुमति दी गयी है। बताया कि द्वितीय केदार मदमहेश्वर जी के कपाट 20 मई, तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट तथा, चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट 17 मई को खुल रहे है।