कर्णप्रयाग (जितेन्द्र पंवार): स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री बख्तावर सिंह बिष्ट जी का आज सुबह उनके निवास स्थान गौचर में देहांत हो गया। अलकनंदा नदी किनारे आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके भतीजे आरएस बिष्ट तथा नाती दिगम्बर व योगेम्बर सिंह ने दिवंगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को मुखाग्नि दी। 105 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बख्तावर सिंह बिष्ट का जन्म 18 जनवरी 1916 को चमोली जिले के श्रीकोट गांव में एक किसान के घर में हुआ था। बचपन से ही मन में देश की आजादी का सपना पाले बख्तावर सिंह बिष्ट सन 1940 में गढ़वाल राइफल में भर्ती होकर सेना का हिस्सा बने। 1940 में गढ़वाल राइफल में भर्ती होकर सेना का हिस्सा बने। आजादी से पूर्व सेना में भर्ती होने के 5 साल बाद उन्होंने 1945 में ब्रिटिश सेना से बगावत कर नेता सुभाष चन्द्र बोस की सेना INA में शामिल हो गए। अंग्रेजी सरकार के खिलाफ उन्होनें उस समय लड़ाई लड़ी थी जब हथियार भी ना के बराबर हुआ करते थे। ब्रिटिश सरकार से लड़ाई लड़ते हुए पकड़े जाने पर उन्हें कलकत्ता जेल में कैद किया गया। 1946 में बगावत करने के आरोप में फ़ौज से हटा कर घर भेज दिया। धीरे-धीरे देश की आजादी के लिए आवाज बुलंद होती गयी और 1947 में देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया।देश की आजादी के बाद 1948 में बख्तावर सिंह पीएसी में भर्ती हुए और 27 साल पीएसी की सेवा करने के बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बख्तावर सिंह बिष्ट पीएससी से सेवा निवृत हुए। देश के प्रति अपने जान की परवाह न करने वाले ऐसे जांबाज को हम दिल से सलाम करते है और विनम्र श्रद्धांजलि देते हैं।