रुद्रप्रयाग (नेटवर्क 10 संवाददाता)। एक व्यक्ति फर्जी डिग्री पर सालों तक शिक्षक के तौर पर नौकरी करता रहा। आखिर उसका भंडाफोड़ हुआ और उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया। मामला रुद्रप्रयाग जिले का है। यहां एक अशासकीय स्कूल में पांच साल तक फर्जी प्रमाण पत्रों के बूते वो नौकरी करता रहा।
रुद्रप्रयाग कोतवाली के उप निरीक्षक दिनेश सती ने बताया कि बीते 17 मार्च को जनता जूनियर हाईस्कूल जखनियाल गांव की विद्यालय प्रबंधन समिति ने शिक्षक रघुवीर सिंह बुटोला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जांच में शिक्षक की बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई। वह 2016 से इस स्कूल में नौकरी कर रहा था। पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
उत्तराखंड में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी कर रहे शिक्षकों की एसआईटी जांच चल रही है। बीते वर्ष रुद्रप्रयाग जिले में प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में नौकरी करने वाले नौ शिक्षक फर्जी पाए गए थे। ये सभी तब से अब तक निलंबित चल रहे हैं।
दूसरी तरफ रुड़की ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय रहमतपुर और राजकीय प्राथमिक विद्यालय टोडा कल्याणपुर के दो शिक्षकों के प्रमाण पत्र भी फर्जी होने के आरोप लगाए हैं। दोनों को निलंबित कर उपशिक्षा अधिकारी कार्यालय रुड़की से अटैच कर दिया है। दोनों शिक्षकों पर फर्जी प्रमाण पत्र लगाने का आरोप है। डीईओ के मुताबिक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय टोडा कल्याणपुर में तैनात सहायक अध्यापक कृष्ण लाल और राजकीय प्राथमिक विद्यालय रहमतपुर के सहायक अध्यापक अनुभव गुप्ता पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। अनुभव गुप्ता पर कंप्यूटर स्कैनिंग के जरिए अंक बढ़ाने और दूसरे शिक्षक कृष्ण लाल पर जन्मतिथि में छेड़छाड़ कर तीन वर्ष उम्र बढ़ाने का आरोप है।