आबकारी विभाग की मिलीभगत से बंद ठेकों में हुआ 40 करोड़ का खेल

देहरादून (दीपक फर्स्वाण ) । उत्तराखण्ड में लॉकडाउन के दौरान सील्ड ठेकों से शराब निकालने और उसे मनमाने दामों पर बेचे जाने के मामले में आबकारी विभाग की मिलीभगम भी जांच में स्पष्ट हो चुकी है। हरिद्वार में जिलाधिकारी की ओर से कराई गई जांच में उजागर हो चुका है कि जिले के 70 फीसदी से अधिक ठेकों से शराब गायब की गई और तस्करी की तर्ज पर उन्हें गुपचुप तरीके से कई गुना अधिक दामों पर बेचा गया। दूसरी ओर नैनीताल के डीएम के निर्देश पर की गई जांच में तो यह तक पाया गया है कि शराब व्यवसासियों से जिला आबकारी अधिकारी के रिश्ते रहे हैं। डीएम की संस्तुति के बावजूद आबकारी आयुक्त दोषियों पर कार्रवाई से बच रहे हैं।

लॉकडाउन का फायदा उठाकर शराब के ठेकेदारों ने आबाकरी विभाग से मिलीभगत कर सील्ड ठेकों से शराब बाहर निकाल ली। इसके बाद शराब दो से तीन गुने दामों पर बेची गई। अनुमान के तौर पर कहा जा रहा है कि इसमें लगभग 40-45 करोड़ का ‘खेल’ हुआ जो विभाग के कुछ कार्मिकों और शराब के ठेकेदारों ने बंदरबांट की। इस पूरे प्ररण को पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया। यूं तो यह खेल पूरे प्रदेश में हुआ लेकिन डीएम हरिद्वार और डीएम नैनीताल ने मामले की जांच के आदेश जारी किए। हरिद्वार में की गई जांच की रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई है। प्रभारी डीईओ की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि हरिद्वार में कुल 77 में से 44 ठेके ऐसे हैं जिनमें शराब का एक क्वाटर तक नहीं मिली यानि दुकान का स्टॉक शून्य था। साफ है कि आबाकरी विभाग की मिलीभगम से यह संभव नहीं है। दूसरी ओर नैनीताल के डीएम ने तो डीईओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संस्तुति शासन से की है। वहां की जांच में तो यह तक पाया गया कि डीईओ के अवैध तरीके से शराब बेचने वाले व्यक्ति के साथ करीबी रिश्ते हैं और वह लंबे समय से उसके फार्म हाउस की सुविधा भोग रहा है।

एक्शन को लेकर कमिश्नर की भूमिका कठघरे में-  हरिद्वार और नैनीताल जिले की जांच रिपोर्ट में आबकारी कार्मिकों की संलिप्तता सामने आई है। दोषियों पर काईवाई की स्पष्ट तौर पर संस्तुति की गई है। फिर भी आबकारी आयुक्त सुशील कुमार सम्बंधित फाइलों को दबाए बैठे हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि वह इस मामले में मुख्यमंत्री तक को गुमराह कर रहे हैं।

यह मामला काफी गंभीर है। जांच के बारे में मुढे भी जानकारी मिली है। दोषियों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। मामला कैबिनेट में तक आ सकता है’।

_ मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवक्ता।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *