नई दिल्ली (नेटवर्क 10 ब्यूरो)। आम लोगों के लिए खुशखबरी है। लगातार बढ़ रही पेट्रोल डीजल की कीमतों के बीच खबर आई है कि सरकार जल्द ही इन्हें सस्ता कर सकती है। इसके लिए सरकार टैक्स घटाने पर चर्चा कर रही है। वित्त मंत्रालय पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने पर विचार कर रहा है।
इधर, आपको बता दें कि दो दिन पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए थे कि अगर आमराय बनी तो पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को वे तैयार हैं। अगर ऐसा हुआ तो पेट्रोल डीजल की कीमतें आधी हो जाएंगी। आपको ये भी बता दें कि कच्चे तेल का भारत विश्व में तीसरा बड़ा ग्राहक देश है। कच्चे तेल की कीमतें बीते 10 महीने में डबल हो चुकी है जिसने घरेलू बाजार यानी भारत में तेल की कीमतों पर असर डाला है। देश में टैक्स और ड्यूटी के कारण पेट्रोल और डीजल के दाम रिटेल में 60 फीसदी तक बढ़ जाते हैं।
कोरोनावायरस महामारी ने अर्थव्यवस्था को सबसे ज्यादा प्रभावित किया, जिसके कारण बीते 12 महीनों में मोदी सरकार ने दो बार टैक्स बढ़ाया। पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ाकर सरकार टैक्स रेवेन्यू बढ़ाना चाहती थी। सरकार ने कच्चे तेल की कम कीमतों का फायदा ग्राहकों को नहीं पहुंचाया।
रॉयटर्स के मुताबिक अब वित्त मंत्रालय तेल की कीमतों पर टैक्स घटाने को लेकर विचार कर रहा है। इसे लेकर वित्त मंत्रालय ने कुछ राज्यों, तेल कंपनियों और पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ चर्चा की है। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय चाहता है कि कोई ऐसा रास्ता निकले जिससे सरकार की आमदनी पर भी असर ना पड़े और आम जनता को भी राहत मिल जाए।
पेट्रोल डीजल की कीमतें स्थिर रखने पर विचार किया जा रहा है। सरकार ऐसे हल पर विचार कर रही है जिससे कीमतें स्थिर रखी जा सकें। मार्च के मध्य तक इस पर फैसला किया जा सकता है। टैक्स घटाने से पहले सरकार कीमतों को स्थिर करना चाहती है, जिससे भविष्य में कच्चे तेल की तीमतें बढ़ने पर टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव न करना पड़े। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि वह यह नहीं कह सकती कि ईंधन पर टैक्स कब कम होगा। लेकिन राज्यों और सरकार को टैक्स घटाने के लिए आपस में बात करनी होगी।