बागेश्वर। उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट की बैठक में गरुड़ को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने से गरुड़ क्षेत्र में राजनीति गरमाने लगी है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ ग्रामीण क्षेत्र में रोष व्याप्त है। बैजनाथ और फुलवाड़ीगूंठ की महिलाओं ने नगर पंचायत के विरोध में तहसील में धरना दिया। मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा है कि यदि नगर पंचायत बनी तो वे उग्र आंदोलन और आमरण अनशन करने को बाध्य होंगी। एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम जयवर्धन शर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए फुलवाड़ीगूंठ व बैजनाथ की महिलाओं ने कहा है कि वे ग्राम पंचायत में ही रहना चाहती हैं। सरकार उन्हें जबरन नगर पंचायत में धकेल रही है, जिसका वे पुरजोर विरोध करती हैं। उन्होंने पूर्व में भी नगर पंचायत का विरोध किया था, अब भी वे विरोध में हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों को विश्वास में लिए बिना ही नगर पंचायत बनाना उनके साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि यहां की अधिकांश जनसंख्या गरीब है और खेती पर निर्भर है।उन्होंने कहा कि जो लोग नगर पंचायत में नहीं आते हैं, वे ही नगर पंचायत बनाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि नगर पंचायत जबरदस्ती बनाई गई तो वे ग्रामीणों को साथ लेकर उग्र आंदोलन व आमरण अनशन करने को बाध्य होंगी। इस दौरान लक्ष्मी देवी, नफीसा खातून, जानकी देवी, हेमा देवी, पुष्पा देवी, रीता देवी, हंसी देवी आदि मौजूद थीं।