बागेश्वर (नेटवर्क 10 संवाददाता)। कहते हैं कि पहाड़ अगर आज जिंदा है तो सिर्फ महिलाओं की वजह से। पहाड़ की नारी पहाड़ जैसी ही मजबूत होती है और उतने ही मजबूत होते हैं उसके इरादे। ऐसी ही महिलाएं हैं बागेश्वर जिले में। यहां की महिलाएं अपनी मेहनत से बंजर खेतों को आबाद कर उनमें हरा सोना उगा रही हैं।
यहां हम बात कर रहे हैं बागेश्वर जिले के घिरौली गांव की। इस गांव की महिलाएं जैविक सब्जी उत्पादन से वर्षभर में एक लाख रुपये तक कमाने लगी हैं। ये महिलाएं यहां जैविक गोभी की खेती कर रही हैं। नगर पालिका क्षेत्र से सटे घिरौली गांव में सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए उद्यान विभाग की कवायद रंग लाने लगी है। किसानों को बीज के अलावा खाद और कीटनाशक भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। गांव की शशिकला रावत दस नाली भूमि पर सब्जियों की खेती कर रही हैं। कृषि विभाग भी इस काम में उनकी पूरी मदद कर रहा है।
महिलाएं अपनी खेती के लिए जैविक खाद भी खुद ही तैयार करती हैं। इन्होंने गाय, भैंस पाल रखी हैं और इनके गोबर से वे खाद तैयार करती हैं। कीटनाशक के तौर पर ये महिलाएं खेतों में गो-मूत्र का इस्तेमाल करती हैं। ग्राहक खुद सब्जी खरीदने के लिए घर पर ही आते हैं।
इस गांव की दमयंती रावत और गीता देवी भी सब्जियां उगा रही हैं और अच्छी आमदनी कर रही हैं। ये महिलाएं बंद गोभी, मटर, टमाटर के अलावा प्याज और लहसुन की भी खेती कर रही हैं। इन दोवनों महिलाओं का कहना है कि वे 20-20 हजार रुपये की सब्जियां बेच चुकी हैं।