देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं इन दिनों जोरों पर हैं। दरअसल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद इन चर्चाओं ने जोर पकड़ा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि केंद्र से मंत्रिमंडल विस्तार करने के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। इन खबरों के बाद चर्चाएं जोर पकड़ने लगी। .यहां तक कि नए मत्रियों के नामों पर भी जोरों से चर्चा चल रही है। चर्चाएं ये भी हैं कि कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया जाएगा।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री तीन दिन के दिल्ली दौरे पर थे। वहां मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी। इन मुलाकातों को मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर ही देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वयं इस तरह की चर्चाओं को स्वाभाविक करार दिया। आपको बता दें कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। इनमें अभी तीन पद खाली हैं।
मंत्रिमंडल गठन के समय से ही 2 मंत्री पद खाली रखे गए थे। इधर, प्रकाश पंत के निधन के बाद उनका मंत्री पद भी खाली हो गया था यानि वर्तमान में 3 नए मंत्री बनाए जाने हैं। मार्च 2017 में, जब त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में भाजपा ने सरकार बनाई, तब मंत्रिमंडल में 10 ही सदस्य शामिल किए गए। पिछले डेढ़ वर्षों के दौरान कई बार नए मंत्री बनाए जाने को लेकर चर्चा चली। पिछले वर्ष फरवरी में स्वयं मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार जल्द किए जाने की बात कही, मगर उसके बाद विश्वव्यापी कोरोना महामारी के कारण एक बार फिर मामला टल गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हाल ही में तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री, भाजपा अध्यक्ष व गृह मंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। इससे राज्य में फिर मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगने शुरू हो गए। दरअसल, अब राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए महज एक ही वर्ष का समय शेष है। इस स्थिति में राजनैतिक गलियारों में संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री क्षेत्रीय व जातीय संतुलन साधने के लिए अपनी टीम में नए सदस्यों को शामिल कर सकते हैं। माना जा रहा है कि अगर मंत्रिमंडल विस्तार होता है, तो यह बहुत जल्द होगा।