पर्यटन ठप होने से अल्मोड़ा की बाल मिठाई का कारोबार पड़ा ठप, बेहद परेशान हैं स्थानीय व्यापारी

अल्मोड़ा (नेटवर्क 10 संवाददाता)। कोरोना काल में तमाम तरह के उद्योग धंधे बंद हो रखे हैं तो इसका असर उत्तराखंड पर भी पड़ा है। पर्यटन पर उत्तराखंड के कई व्यापार टिके हुए हैं। सब इन दिनों चौपट हो रखा है। यहां तक कि अल्मोड़ा की मशहूर बाल मिठाई के व्यापार पर भी इसका काफी असर पड़ा है।

कोराना वायरस की मार अल्मोड़ा की विश्व प्रसिद्ध बाल मिठाई के कारोबार से जुड़े व्यवसायियों और कारीगरों पर भी पड़ी है। लॉक डाउन के तीसरे चरण में हालांकि मिठाई की दुकानें खोलने की छूट तो मिल गयी है, लेकिन पर्यटकों की आवाजाही खत्म होने से दुकानों से खरीदारों की भीड़ गायब है। जिस कारण अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई के कारोबार से जुड़े लोगों में भी आजीविका का संकट पैदा हो गया है। हालात यह है कि इस व्यवसाय से जुड़े कारीगरों के सामने इन दिनों दो जून की  रोटी जुटाना भी मुश्किल हो चुका है।

सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा की एक पहचान यहाँ की प्रसिद्ध मिठाई बाल मिठाई है। यह बाल मिठाई न केवल अपने देश बल्कि विदेशों में भी लोग पसंद करते है। यहाँ की बाल मिठाई सात समुद्र पार भी भी लोगों के जुबान का स्वाद बढ़ाती थी। खास कर इन दिनों पर्यटन सीजन में आने वाले पर्यटक इस मिठाई को सौगात के तौर पर ले जाते थे। लेकिन कोराना महामारी के बाद हुए लॉक डाउन के कारण इस व्यवसाय से जुड़े सैकड़ो लोगो की आजिविका काफी प्रभावित हो चुकी है।

पहले दो चरणों के लॉकडाउन में जहाँ दुकाने बंद रही जिससे काफी नुकसान हुआ। लेकिन वही अब तीसरे चरण में दुकाने खोलने की छूट तो मिली लेकिन अब मिठाई के दुकानों में ग्राहकों की भीड़ गायब है। जिससे खासकर इस मिठाई को तैयार करने वाले कारीगरों पर काफी  मार पड़ी है। मिठाई के कारोबारियों का कहना है कि पहले बाल मिठाई खरीदने के लिए सुबह से देर रात तक दुकान में भीड़ उमड़ी रहती थी, उनको एक मिनट की भी फुर्सत नही मिलती थी , लेकिन अब खुलने के बाद ग्राहक गायब है। इसके पीछे कारण यह है कि इस मिठाई को बाहर से आने वाले पर्यटक , यहाँ से बाहर जाने वाले लोग ले जाते थे लेकिन लॉक डाउन के कारण आवागमन बंद होने से इसका कारोबार भी घट चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *