देहरादून: देहरादून- हरिद्वार हाईवे पर बनाए गए लच्छीवाला टोल प्लाजा पर आज से टोल लगना शुरु हो गया है। खास बात यह है कि टोल से आवाजाही करने के लिए फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया है। भारी विरोध के बाद आज खुले टोल प्लाजा में पहले दिन ही फास्टैग की वजह से यहां ट्रैफिक धीमा हो गया। लोगों को काफी देर तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा जिससे यहां टोल प्लाजा पर लंबी लाइन लग गई। विभागीय अधिकारी टोल की व्यवस्थाओं को पुख्ता बनाने में जुटे रहे।कांग्रेस, उत्तराखंड क्रांति दल, स्थानीय टैक्सी चालक और आम लोग टोल प्लाजा के विरोध में नारेबाजी करते दिखे। वहीं स्थानीय लोगों को वाहनों के साथ जाने दिया गया, केवल बाहर से आने वाले वाहनों से टोल वसूला गया। कई बार विभागीय अधिकारियों, टोल एजेंसी के कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों से प्रदर्शनकारियों की नोकझोंक भी हुई। वहीं विरोध में कांग्रेस नेता भारत भूषण सिर मुंडवा कर प्रदर्शन किया।
ये रहेंगी टोल की दरें
यहां से गुजरने वाले वाहनों से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से निर्धारित दरों के आधार पर टोल टैक्स अदा करना होगा। कार, जीप, वैन या अन्य हल्के वाहनों के लिए एक बार का शुल्क 85 रुपये तय किया गया है। एक ही दिन में रिटर्न यात्रा करने पर यह शुल्क 125 रुपये होगा।
टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले व्यक्तियों को टैक्स में छूट दी गई है। ऐसे व्यक्ति 275 रुपये महीना देकर मासिक पास बनवा सकते हैं। वहीं, जिले में पंजीकृत कमर्शियल वाहनों को भी टैक्स में भारी छूट दी गई है। विभिन्न श्रेणी के ऐसे वाहनों से सिंगल यात्रा के अनुरूप 40 से 270 रुपये तक वसूल किए जाएंगे। वहीं, अन्य कमर्शियल वाहनों के लिए यह शुल्क 135 से 535 रुपये के बीच है। हालांकि, मासिक पास की व्यवस्था सभी तरह के वाहनों के लिए की गई है। वाहनों की श्रेणी व पंजीकरण के हिसाब से इसका शुल्क 2765 रुपये से 17 हजार 860 रुपये तक रखा गया है। पास में 50 सिंगल यात्राओं की छूट रहेगी। आने-जाने के मुताबिक यात्रा की अवधि 25 दिन हो जाएगी।
इनको नहीं देना होगा टोल
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सर्कुलर के मुताबिक कुल 34 श्रेणी के वाहनों को टोल टैक्स से छूट दी गई है। फास्टैग की व्यवस्था के बाद सभी श्रेणी के वाहनों के लिए पास जारी किए जाएंगे। भारत के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यपाल, भारत के प्रधान न्यायाधीश, न्यायाधीश, राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष/स्पीकर, केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्य न्यायाधीश/न्यायाधीश, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, सचिव, सैन्य वाहनों, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस और अंतिम संस्कार में जाने वाले वाहन आदि को छूट दी गई है।