स्वच्छता अभियान और खाद तैयार में उपयोगी हो रहे है कम्पोस्ट पिट

चम्पावत : स्वजल परियोजना से जिले के विभिन्न गांवों में उपलब्ध कराए वर्मी कंपोस्ट पिट दोहरा लाभ दे रहे हैं। इनसे जहां अच्छी खाद तैयार हो रही है वहीं गंदगी दूर करने में भी सहायक हो रहे हैं। पशुपालक गोबर को खुले खेतों में डालने के बजाए पिट में डाल रहे हैं। अब तक लोग गोबर और गोमूत्र को खुले में खेतों के किनारे अथवा पैदल रास्तों के पास डंप कर रहे थे जिससे गांवों में गंदगी फैल रही थी।

स्वजल की ओर से अब तक विभिन्न गांवों में पांच सौ वर्मी कंपोस्ट पिट तैयार किए जा चुके हैं जबकि छह सौ पिट और बनाए जाने हैं। जिन गांवों में पिट तैयार हो चुके हैं वहां पशुपालकों ने कंपोस्ट खाद तैयार करनी शुरू कर दी है। कई गांवों में पहले तक खुले में डंप किया जा रहा गोबर और गोमूत्र अब पिट में डाला जा रहा है जिससे गांवों को स्वच्छ रखने में मदद मिल रही है। लोहाघाट विकास खंड की ग्राम पंचायत पऊ में परियोजना की ओर से 40 पिटों का निर्माण किया जा चुका है तथा 20 पिट और बनाए जाने हैं। लाभार्भी बालादत्त तलनियां, अमरनाथ शर्मा, जगदीश चंद्र गहतोड़ी, प्रयागदत्त चौबे ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट पिट बनने के बाद गांव के पशुपालकों ने खाद तैयार करनी शुरू कर दी है।

पहले तक लोग खुले में गोबर और गोमूत्र डंप करते थे लेकिन अब उसे पिट में डाल रहे हैं। ग्राम प्रधान हेमा देवी व उप प्रधान योगेश ओली ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट पिट बनाने के साथ लाभार्थियों को खाद तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति बस्ती में भी पशुपालकों को पिट दिए गए हैं। स्वजल परियोजना जेई धीरज जोशी ने बताया कि जिले की अन्य ग्राम पंचायतों में भी वर्मी कंपोस्ट पिटों के माध्यम से गांवों की साफ सफाई में काफी मदद मिली है। चम्पावत, लोहाघाट, पाटी एवं बाराकोट विकासखंडों में कंपोस्ट पिट का निर्माण परियोजना की ओर से किया जा रहा है। एक पिट के निर्माण में दस हजार रुपये की लागत आ रही है।

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