नई दिल्ली/गाजियाबाद/सोनीपत । तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों का मंगलवार को भी प्रदर्शन जारी है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन के दौरान नया नारा दिया है- ‘कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं’। दरअसल, यूपी गेट पर 28 नवंबर से चल रहे कृषि कानून विरोधी आंदोलन में सोमवार को आंदोलनकारियों की भारी भीड़ रही। इस मौके पर राकेश टिकैत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 18 माह कृषि कानून स्थगित करने वाले प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। राकेश टिकैत ने कहा है कि तीनों कानून वापस हो और एमएसपी की की गारंटी मिले तभी किसान उठेंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अक्टूबर तक भी खत्म नहीं होगा।
- गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा मामले की जांच को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार व पुलिस का कानून के हिसाब से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने उक्त निर्देश हिंसा मामले में गिरफ्तार लोगों को रिहा करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिया। पीठ ने इस दौरान टिप्पणी की कि यह जनहित याचिका न होकर पब्लिसिटी इंट्रेस्ट लेटिगेशन है।
- दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन.श्रीवास्तव पीतमपुरा के डीसीपी ऑफिस आउटर डिस्ट्रिक्ट में किसान रैली के दौरान हुए हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा,”आप सभी वीर है आपने बहुत अच्छा काम किया। दिन हो या रात आप ड्यूटी कर रहे हैं।आपका इलाज सरकारी खर्च से होगा। उन्होंने बताया कि हिंसा में पुलिस के 510 जवान घायल हुए हैं।
- एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि 26 जनवरी को जब ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस पर हमला किया गया था तो किसी ने किसानों पर सवाल नहीं उठाया था। अब सीमाओं पर मजूबत बैरिकेडिंग की जा रही है तो लोग सवाल उठा रहे हैं। अब हमने क्या किया? हमने सिर्फ बैरिकेडिंग को मजबूत किया है ताकि यह फिर से न टूटे।
- इस बीच मंगलवार को शिवसेना के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने यूपी गेट पहुंचकर राकेश टिकैत से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि वह भीड़ ज्यादा होने के चलते मंच पर नहीं जा सके। इससे पहले पहुंचे कई नेताओं ने मंच साझा किया है और अपनी बात रखी है। वहीं, इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि अगर विपक्ष हमारा समर्थन करने के लिए आ रहा है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। अगर नेता आते हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते। आंदोलन को किसानों द्वारा अवरुद्ध नहीं किया गया है, यह पुलिस बैरिकेडिंग के कारण है।
- दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या में इजाफा होने के चलते कड़ी सुरक्षा कर दी गई है। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है। किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस की ओर से भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस बीच समाजसेवा मेधा पाटकर भी यूपी गेट पर चल रहे किसानों के धरना प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए पहुंच हैं। वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सिंघू, टिकरी और गाज़ीपुर सीमाओं के आसपास और 26 जनवरी के बाद या बाद में कथित रूप से अवैध हिरासत में रखे गए किसानों सहित सभी लोगों को रिहा करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
- पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी है। पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी है। इसी के साथ यहां पर सीमेंट के बैरिकेड बनाए गए हैं। इतना ही नहीं, सड़कों पर कीलें लगाई गई हैं। जिससे अगर कोई किसान ट्रैक्टर के जरिये आगे बढ़े तो उसके टायर फट जाएं या फिर पंचर हो जाएं।
- सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में मंगलवार को भी रूट डायवर्जन किया गया है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। दिल्ली यातायात पुलिस ने लोगों को वैकल्पिक मार्ग भी सुझाए हैं, जिससे यात्रा सुगम की जा सकती है। इसी के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर कटीले तारों के साथ नुकीली कीलें भी लगाई गई हैं, जिससे किसान प्रदर्शनकारियों को रोका जा सके।