सरकार ने होम बायर्स को बड़ी राहत दी है. इससे रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी आएगी. निर्मला सीतारमण ने सेक्शन 80EEA के तहत इंट्रेस्ट पर मिलने वाली 1.5 लाख तक की अडिशनल छूट की सीमा को एक साल के लिए बढ़ा दिया है. अब इस स्कीम का फायदा 31 मार्च 2022 तक उठाया जा सकता है. पहले इस स्कीम की समय सीमा 31 मार्च 2021 को समाप्त हो रही थी.
बता दें कि सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए बजट 2019 में सेक्शन 80EEA को लाया था. इसके तहत इंट्रेस्ट रीपेमेंट पर 1.5 लाख रुपए की छूट अलग से मिलती है. यह छूट सेक्शन 24बी से अलग है.सेक्शन 24बी के लिए होम लोन के इंट्रेस्ट रीपेमेंट पर प्रत्येक वित्त वर्ष में 2 लाख रुपए की छूट मिलती है. सरकार ने इस बजट में भी अफोर्डेबल हाउसिंग की परिभाषा में कोई बदलाव नहीं किया है. अफोर्डेबल हाउसिंग को सरकार ने कॉर्पेट एरिया और घर की कीमत के आधार पर वर्गीकृत किया है. होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट पर सेक्शन 80सी के तहत लाभ मिलता है.
घर की कीमत 45 लाख से ज्यादा नहीं
सेक्शन 80EEA का लाभ उठाने के लिए पहली शर्त है कि घर की स्टाम्प वैल्यू 45 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. होम लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2021 के बीच लिया गया हो. इसी डेडलाइन को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दिया गया है. इसके लिए कार्पेट एरिया 60 स्क्वॉयर मीटर या 645 स्क्वॉयर फीट से ज्यादा नहीं होना चाहिए. यह शर्त मेट्रो सिटीज के लिए है जिसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता जैसे शहर आते हैं. अन्य शहरों के लिए कार्पेट एरिया अधिकमत 90 मीटर या 968 स्क्वॉयर फीट हो सकता है.
पुराने नियम के मुताबिक, सेक्शन 80EEA का फायदा तभी मिलेगा जब किसी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को 1 सितंबर 2019 से पहले मंजूरी मिली हो. जब इसके लाभ उठाने की समय सीमा बढ़ा दी गई है तो संभव है कि इसको लेकर भी समय सीमा बढ़ाई जाए. फिलहाल रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की डेडलाइन को लेकर विशेष जानकारी नहीं है. बता दें कि टैक्सपेयर्स को सेक्शन 24बी का पूरा फायदा उठाना होगा, उसके बाद ही वह सेक्शन 80EEA का फायदा उठा सकता है.