कश्मीरी चिनार के वृक्षों से सजेगी देवप्रयाग से घुड़दौड़ी की सड़क

पौड़ी: कश्मीर की पहचान चिनार के वृक्ष जल्द ही उत्तराखंड की खूबसूरती में भी चार चांद लगाएंगे। देवप्रयाग से घुड़दौड़ी तक 13 किलोमीटर लंबी सड़क पर दोनों ओर खड़े चिनार के दरख्त वादी-ए-कश्मीर का एहसास कराने वाले हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि ‘यहां के मनमोहक नजारे पर्यटकों को अपनी ओर खीचेंगे।’ उन्होंने कहा कि पौड़ी को पर्यटन गतिविधि का केंद्र बनाने के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है। इस योजना से पर्यटकों को पौड़ी में एक नया एहसास मिलेगा। कश्मीर से चिनार की 500 पौध मंगाई गई हैं।

दो दिवसीय दौर के अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने पौड़ी के विभिन्न मार्गों पर पौधरोपण योजना का शुभारंभ किया। इसके तहत उन्होंने पौड़ी-टेका मार्ग पर चेरी-ब्लॉसम (पंय्या) की पौध रोपी। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि पांच किलोमीटर लंबे टेका मार्ग पर चेरी-ब्लॉसम की 150 पौध रोपी गई। उन्होंने बताया कि मार्ग पर कुल 500 पौध रोपी जानी हैं। उन्होंने बताया कि पौधों के वृक्ष बनने पर यहां आने वाले सैलानियों को दिव्य अनुभूति होगी। सूर्योदय और सूर्यास्त का विहंगम नजारा सैलानियों को लुभाएंगा। इसके अलावा पौड़ी से खिर्सू जाने वाले 16 किलोमीटर लंबे मार्ग पर पांगर के 1600 पौधे रोपे जाने हैं। पांगर के वृक्ष जल संरक्षण में तो महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, साथ ही इसका बीज औषधीय गुणों का भंडार भी है।

पौधारोपण कार्यक्रम में राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक मुकेश कोली, जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल, जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, उपाध्यक्ष रचना बुटोला, पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

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