नैनीताल : शांत कही जाने वाली पहाड़ की वादियां अब अपराधियो के लिए मुफीद साबित हो रही है। हत्या कर शवों को ठिकाने लगाने के लिए अपराधी पहाड़ का रुख कर रहे है। यही कारण है कि बीते एक वर्ष में मंडल भर में 94 अज्ञात शव बरामद किए गए है। जिसमें से करीब 70 फीसदी शवों की शिनाख्त नहीं हो पाने से यह पुलिस के लिए भी पहेली बने हुए है। अज्ञात शव बरामदगी में नैनीताल जिला सबसे ऊपर है। मंडल भर से बरामद हुए शवों में से 50 फीसदी से अधिक शव नैनीताल जिले में बरामद किए गए है। भारी संख्या में बरामद हुए अज्ञात शव पुलिस की चेकिंग अभियान और अपराध नियंत्रण के दावों की भी पोल खोल रहे है।
पहाड़ की शांत वादियों में अज्ञात लाशों के मिलने की घटना कोई नई नही है। बीते कुछ वर्षों में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते बाहरी वाहनों की आवाजाही कई हद तक कम रही। जिससे आपराधिक गतिविधियों पर भी विराम लगने की संभावना जताई जा रही थी। मगर पहाड़ी शांत वादियां अपराधियों को भी खूब भा रही है। कई संगीन अपराधों के साथ ही हत्या के मामलों में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। वहीं धीरे धीरे पहाड़ी क्षेत्र अपराधियो के लिए हत्या कर शवों को ठिकाने लगाने का अड्डा बनता जा रहा है। आईजी कार्यालय से मिले आकड़ो के अनुसार मंडल भर में बीते वर्ष जनवरी से दिसंबर तक 94 अज्ञात शव बरामद किए गए है। जिसमें से 25 की ही पुलिस शिनाख्त कर पाई है। शेष शव बिना शिनाख्त के ही राख हो गए।
50 फीसदी से अधिक शव नैनीताल जिले में हुए बरामद
आंकड़े पुलिस को दिखा रहे आईना
पहाड़ो में अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस दावे तो खूब कर रही है, लेकिन बढ़ते अपराध और लगातार मिलते शव पुलिस के दावों की भी पोल खोल रहे है। वैसे तो हर चौराहे और बार्डर पर पुलिस चेकिंग अभियान चलाती दिख रही है। मगर यह चैकिंग अभियान महज चालानी कार्रवाई तक ही सिमट कर रह गया है।
अज्ञात शव बरामदगी और शिनाख्त का जिलेवार आंकड़ा
जिला शव बरामद शिनाख्त
उधमसिंह नगर 32 10
नैनीताल 52 11
पिथौरागढ़ 02 02
चंपावत 07 01
बागेश्वर 00 00
अल्मोड़ा 01 01
अजय रौतेला आईजी कुमाऊं ने बताया कि अपराध नियंत्रण के लिए अन्य राज्यों के बार्डर पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जाता है। इसके अलावा अज्ञात शवों की शिनाख्त के लिए समय समय पर ऑपरेशन शिनाख्त चलाया जाता है। कोविड के चलते अभियान में कुछ सुस्ती आयी है। जल्द इसको लेकर अभियान चलाया जाएगा।