श्रीनगर में भूस्खलन रोकने को आधुनिक तकनीक से बनेगी 7 KM की मरीन ड्राइव

श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर फरासू के पास हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए आधुनिक तकनीकी (नेलिंग व मेसिंग) का इस्तेमाल किया जाएगा. राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने आज अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में सात किलोमीटर लंबे मरीन ड्राइव को शीघ्र मंजूरी दिए जाने पर चर्चा की. बैठक में अधिकारियों के मंत्री के सामने ये समस्या रखी कि एनएच-58 के फरासू के पास लंबे समय से हो रहे भूस्खलन के चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब उत्तराखंड सरकार ने इस क्षेत्र में 13 करोड़ रुपए खर्च की आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कर भूस्खलन को रोकने का निर्णय लिया है. साथ ही श्रीनगर से स्वीत तक 300 स्ट्रीट लाइट लगायी जाएंगी.

बुधवार को विधानसभा में राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में राष्ट्रीय राजमार्ग और लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक हुई. जिसमें श्रीनगर गढ़वाल में 7 किलोमीटर लंबे मरीन ड्राइव के निर्माण को भी शीघ्र स्वीकृति दिए जाने पर चर्चा की गई. साथ ही ये भी निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग- 121 के एलिवेशन में सुधार करते हुए बुआखाल से गोरखाखाल होते हुए चेपडयूं तक बाइपास मोटर मार्ग का निर्माण किया जायेगा, ताकि क्षेत्र के दो दर्जन गांव मोटर मार्ग से जुड़ें. इससे मोटर मार्ग की 4 किमी लम्बाई भी कम होगी.

साथ ही पाबौ बाजार में भी बाइपास मोटर मार्ग का निर्माण किया जायेगा. इसके अलावा पाबौ से पैठाणी तक मोटर मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य शीघ्र शुरू किये जाने पर भी सहमति बनी है. साथ ही एनएच- 119 पर बुआखाल से बैजरों तक सड़क चौड़ीकरण एवं डामरीकरण में 156 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.

बैठक में वन संरक्षक नित्यानंद पांडेय ने बताया कि एनएच -121 और 119 पर बनने वाले पुलों एवं सड़क चौड़ीकरण के लंबित मामलों पर वन विभाग शीघ्र अपनी स्वीकृत प्रदान कर देगा. इसके अलावा एनएच द्वारा श्रीनगर के अंतर्गत स्वीत गांव को जोड़ने वाले मोटर मार्ग का नया एलिवेशन कर मोटर मार्ग को ठीक किया जायेगा.

वहीं, लोक निर्माण विभाग के सचिव आरके सुधांशु ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर निजी कंपनियों द्वारा बेतरतीब ढंग से बिछाई जा रही ओएफसी लाइन पर नाराजगी व्यक्त की और विभागीय अधिकारियों को उक्त कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने राजमार्गों पर पड़ने वाले नगरों एवं गांवों में बढ़ रहे अतिक्रमणों को चिन्हित कर स्थानीय प्रशासन की मदद से तत्काल हटाने के भी निर्देश दिए.

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