पौड़ी: जिले के सभी विकासखंडों में 300 न्यूट्री गार्डन बनाए जा रहे हैं, जिसमें 105 बनकर तैयार भी हो गए हैं। इनका रख-रखाव महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा है। वहीं मधु न्याय पंचायतों को व्यावसायिक केंद्र बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाए जा रहे हैं ताकि स्थानीय स्तर पर ही खरीदार मिल सकें।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनपद भ्रमण के क्रम में विकास भवन सभागार में आयोजित विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने कोविड काल के दौरान प्रभावित हुए विकास कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने पौड़ी जिले में जिला योजना के तहत स्वरोजगार के क्षेत्र में हुए कार्यों की सराहना की। साथ ही मंडलायुक्त व जिलाधिकारी को राज्य योजना, केंद्रीय वित्त पोषित योजनाओं में सुधार लाने के लिए मॉनिटरिग के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान मौनपालन को बढ़ावा देने की बात भी कही।
सीएम ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को लाभकारी बताते हुए इसमें भागीदारी बढ़ाने के लिए पंचायती राज विभाग को आगे आने को कहा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पिरूल प्लांट की जानकारी भी ली। कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए उन्होंने घेरबाड़ बढ़ाने के निर्देश दिए। सीएम ने पशुपालन विभाग की ओर से की जा रही कड़कनाथ पॉल्ट्री पालन एवं पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान की जानकारी ली।
इस पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने बताया कि जिले में तीन लाख के करीब कड़कनाथ मुर्गी पालन का लक्ष्य रखा गया है। बताया कि खनन न्यास के माध्यम से भी मदर पॉल्ट्री फार्म मशीन स्थापित करने के लिए एक करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है। वहीं जिले में 20 हेक्टेयर भूमि पर कीवी पौधरोपण का काम चल रहा है। इस दिशा में पहली बार बजट का प्राविधान किया गया है। इसके लिए हिमाचल और बागेश्वर से पौधे मंगाए गए हैं। बैठक में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक पौड़ी मुकेश सिंह कोली, विधायक लैंसडौन दिलीप रावत, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाईं, जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, नगर पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी. रेणुका देवी, अपर जिलाधिकारी डॉ. एसके बरनवाल, नगर आयुक्त कोटद्वार पीएल शाह आदि शामिल थे।