देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। कहते हैं ना कि दोस्ती सभी रिश्तों से बड़ी होती है। स्कूल में पढ़ने वाले तीन दोस्तों ने एकसाथ ठानी कि तीनों को फौज में अफसर बनना है और 13 जून को तीनों का सपना ाखिर पूरा हो गया। तीनों आईएम से एकसाथ पासआउट हुए। जरा सोचिए कि वो पल कैसा रहा होगा।
आइएमए की पासिंग आउट परेड में इन तीनों दोस्तों ने एकसाथ कदमताल कर अपनी कामयाबी की इबारत लिखी। आइएमए से पासआउट होकर विदाई के वक्त तीनों दोस्त अपनी अपनी यूनिट के लिए विदा होते वक्त भरी आंखों में थे, लेकिन उनकी आंखों के ये आंसू उनकी खुशियां भी बयां कर रहे थे। अब ये तीनों दोस्त हमारे देश की सेवा करेंगे।
ये तीनों दोस्त उत्तराखंड के ही रहने वाले हैं। इनके नाम हैं चिन्मय शर्मा, आकाश सजवाण और अनुपम नयाल। चिन्मय रुद्रप्रयाग के मयकोटी गांव के रहने वाले हैं जबकि आकाश सजवाण गुप्तकाशी हैं और अनुपम हल्द्वानी के रहने वाले हैं। ये तीनों 11 साल से एकसाथ हैं। पहली बार तीनों की मुलाकात घोड़ाखाल सैनिक स्कूल में हुई। तीनों का एकसाथ छठी क्लास में वहां एडमिशन हुआ था। बताया गया है कि चन्मय और आकाश की दोस्ती पहले हो गई थी। स्कूल हॉस्टल में दोनों के हाउस आसपास थे। अनुपम से दोनों की दोस्ती क्लास में हुई।
संयोग ऐसा बना कि तीनों ने पहली बार में ही एनडीए की परीक्षा पास कर ली। एनडीए में कड़े प्रशिक्षण के बाद तीनों ट्रेनिंग के लिए आइएमए पहुंचे। आकाश सजवाण ने मीडिया को बताया कि उसका और चिन्मय का गृह जिला एक ही है इसलिए उनके परिवार वाले भी एक दूसरे को जानते हैं। चिन्मय के पिता मनोज शर्मा और मां वीना शर्मा दोनों ही सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। आकाश सजवाण के पिता आनंद सिंह सजवान का अपना व्यवसाय है और मां मीना सजवान शिक्षिका हैं। अनुपम नयाल के पिता आनंद सिंह ब्लॉक अफसर और मां जानकी नयाल गृहणी हैं। अनुपम ने अपने अफसर बनने का श्रेय अपने परिवार और ताऊ कर्नल दीवान सिंह को दिया।