पिथौरागढ़: देश के साथ ही प्रदेश में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है. वहीं प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में भी कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. अब इसकी दस्तक उच्च हिमालयी इलाकों में भी होने लगी है. आलम ये है कि 17 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात सेना और आईटीबीपी के जवान भी इसकी चपेट में आने लगे हैं. वो भी तब जब चीन और नेपाल के साथ तल्खी चरम पर है.
गौर हो कि धारचूला की व्यास वैली की ग्राम सभा गुंजी में सेना के 28 जवानों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से ग्रामीणों में भी दहशत का माहौल है. लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने धारचूला बेस कैंप में सभी जरूरी इंतजाम किए हैं. पिथौरागढ़ में चीन बॉर्डर के करीब गुंजी में कोरोना ने दस्तक दे दी है. बीते कुछ रोज से यहां कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हुआ है. चीन बॉर्डर की सुरक्षा में तैनात सेना और आईटीबीपी के जवानों को कोरोना अपनी गिरफ्त में ले रहा है.
गुंजी, कालापानी और लिपुलेख में सेना और आईटीबीपी के जवान अच्छी खासी तादात में मौजूद हैं. लद्दाख में हुई घटना के बाद भारतीय सुरक्षा तंत्र इस इलाके में हर वक्त चौकस है. लेकिन दिक्कत ये है कि ये इलाके मुख्यधारा से कोसों दूर हैं. बीआरओ ने भले ही लिपुलेख को सड़क से जोड़ लिया हो, बावजूद इसके बरसात में यहां हेल्थ सर्विस दे पाना खासा चुनौती भरा है.
बरसात के सीजन में चीन बॉर्डर को जोड़ने वाला लिपुलेख मार्ग बंद है. ऐसे में बॉर्डर इलाकों की राह भले ही इंसानों के लिए मुश्किल हो, लेकिन कोरोना की पहुंच यहां आसानी से हो रही है. गुंजी के अलावा बूंदी, कूटी, छियालेख, गर्ब्यांग, नाबी ऐसे इलाके हैं जिन्हें अब तक सुरक्षित माना जा रहा था. लेकिन सेना और आईटीबीपी के जवानों के पॉजिटिव केस आने से चिंता की लकीरें कुछ बढ़ गई हैं. वहीं कल्याण संस्था और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर हेली द्वारा व्यास वैली में मेडिकल टीम भेजकर कोरोना की सैम्पलिंग करने की मांग की है.