राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता और निर्मलता के लिए चल रही नमामि गंगे परियोजना में उत्तराखंड को 22 करोड़ की जल्द सौगात मिल सकती है। इस सिलसिले में राज्य परियोजना प्रबंधन समूह (एसपीएमजी) ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) को आठ प्रस्ताव भेजे हैं, जो बदरीनाथ से लेकर हरिद्वार तक गंगा और उसकी सहायक नदियों पर प्रस्तावित घाटों के निर्माण से संबंधित हैं। अपर सचिव और नमामि गंगे परियोजना के कार्यक्रम निदेशक उदयराज सिंह ने इसकी पुष्टि की।
नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत राज्य के टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी और हरिद्वार में 192 करोड़ रुपये की लागत से 44 स्नान और मोक्ष घाट तैयार हो चुके हैं। हरिद्वार में हरकी पैड़ी और रोड़ीबेल वाला स्थित घाटों के पुनरुद्धार के लिए 34 करोड़ की स्वीकृति भी मिल चुकी है। यह जिम्मा सिंचाई विभाग को सौंपा गया है और करीब 20 फीसद कार्य भी हो चुका है।
पुनरुद्धार से संबंधित इन कार्यों को अगले साल कुंभ के आयोजन से पहले पूर्ण कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा मनेरी (भटवाड़ी- उत्तरकाशी) में 7.13 करोड़, गंगोत्री धाम में 16.02 करोड़ और बदरीनाथ धाम के निकट 10.31 करोड़ की लागत से बनने वाले घाटों के निर्माण के मद्देनजर टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इस बीच अन्य स्थानों पर घाटों के निर्माण की आवश्यकता महसूस की गई।
अपर सचिव और नमामि गंगे परियोजना के कार्यक्रम निदेशक उदयराज सिंह बताते हैं कि घाट निर्माण के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को भेजे गए 22 करोड़ के आठ प्रस्तावों पर जल्द मुहर लगने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही घाटों से संबंधित कुछ अन्य प्रस्ताव भी केंद्र को भेजे जा रहे हैं।