वायु प्रदूषण से एक साल में 16 लाख भारतीयों की हुई मौत

दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण का लेवल लगातार बढ़ रहा है. सोमवार को राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 339 दर्ज किया गया है. जो बेहद गंभीर श्रेणी में माना जाता है. राजधानी की हवा जहरीली बनी हुई है. ये वायु प्रदूषण मौत का कारण भी बनता है. द लैंसेंट मेडिकल जर्नल में 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में प्रदूषण से 90 लाख लोगों की मौत हुई. इसमें अकेले भारत में ही वायु प्रदूषण से 16 लाख लोगों ने जान गंवाई थी. इसमें बुजुर्गों की संख्या काफी अधिक थी.

कई बीमारियों को बढ़ा भी देता है प्रदूषण

वरिष्ठ फिजिशियन डॉ अरुण शाह बताते हैं कि वायु प्रदूषण एक बड़ी चुनौती बन कर उभर रहा है. खासतौर पर इस मौसम में पॉल्यूशन की समस्या काफी बढ़ जाती है. पराली जलना और वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण हवा को खराब करने के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार हैं. प्रदूषण की वजह से देश को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है. कोविड महामारी के बाद सांस संबंधित मरीज भी काफी बढ़ गए हैं.

डॉ शाह बताते हैं कि वायु प्रदूषण में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (पीएम2.5) से कई बीमारियों को खतरा बढ़ जाता है. अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सीओपीडी की समस्या है तो पॉल्यूशन से उसमें इजाफा हो जाता है. इस मौसम में देखा जाता है कि अस्थमा के मरीजों को अस्थमा अटैक आ जाता है. सोओपीडी के मरीजों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है. कई मामलों में ऐसे रोगियों को अस्पताल में भी भर्ती करने की जरूरत पड़ती है. ऐसे में जरूरी है कि लोग बढ़ते वायु प्रदूषण से अपना बचाव करें.

वायु प्रदूषण से ऐसे करें बचाव

बाहर जाते समय मास्क जरूर लगाएं

धूल और धूएं से बचाव करें

खानपान का ध्यान रखें

सुबह सैर करने से बचें

घर में एयर प्यूरिफायर लगवा सकते हैं

अगर अस्थमा के मरीज है तो हमेशा अपने पास इन्हेलर रखें

सांस लेने में परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *